Mangalkari Gayatri Mantra | गायत्री मंत्र का अर्थ हिन्दी में

Gayatri Mantra
Mangalkari Gayatri Mantra | गायत्री मंत्र का अर्थ हिन्दी में 4

Gayatri Mantra | गायत्री मंत्र

Gayatri Mantra:- इस मंत्र का हिंदी में मतलब है – हे प्रभु, कृपा करके ह हमें धर्म का सही रास्ता दिखाईये और हमारी बुद्धि को उजाला प्रदान कीजिये । यह मंत्र सूर्य देव के लिये प्रार्थना रूप से भी माना जाता है।

ॐ भूर्भुवः स्वः
तत्सवितुर्वरेण्यं
भर्गो देवस्यः धीमहि
धियो यो नः प्रचोदयात् ॥

हे प्रभु! आप हमारे जीवन के दाता हैं
आप हमारे दर्द और दुख़ का निवारण करने वाले हैं
आप हमें शांति और सुख़ प्रदान करने वाले हैं
हे संसार के विधाता
हमें शक्ति दो कि हम आपकी उज्जवल शक्ति प्राप्त कर सकें
क्रिपा करके हमारी बुद्धि को सही ज्ञान और धर्म का मार्ग दिखायें

Gayatri Mantra in Hindi – गायत्री मंत्र के प्रत्येक शब्द की हिंदी व्याख्या:-

गायत्री मंत्र के पहले नौं शब्द प्रभु के गुणों की व्याख्या करते हैं

ॐ = प्रणव
भूर = मनुष्य को प्राण प्रदाण करने वाला
भुवः = दुख़ों का नाश करने वाला
स्वः = सुख़ प्रदाण करने वाला
तत = वह
सवितुर = सूर्य की भांति उज्जवल
वरेण्यं = सबसे उत्तम
भर्गो = कर्मों का उद्धार करने वाला
देवस्य = प्रभु
धीमहि = आत्म चिंतन के योग्य (ध्यान)
धियो = बुद्धि,
यो = जो,
नः = हमारी,
प्रचोदयात् = हमें शक्ति दें


रोज गायत्री मंत्र पढ़ने से क्या होता है?

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रोज गायत्री मंत्र पढ़ने से मन के दुख, द्वेष, पाप, भय, शोक जैसे नकारात्मक चीजों का अंत हो जाता है। इस मंत्र के जाप से मनुष्य मानसिक तौर पर जागृत हो जाता है। साथ ही कहा जाता है कि इस मंत्र में इतनी ऊर्जा है कि नियमित रूप से तीन बार इसका जाप करने से सारी नकारात्मक शक्तियां नष्ट हो जाती हैं। रोजाना तीन बार गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए।

गायत्री मंत्र के नियम क्या है?

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गायत्री मंत्र का जाप किसी गुरु के मार्गदर्शन में करना चाहिए. इस मंत्र के जाप के लिए स्नान के साथ मन और आचरण भी पवित्र होना चाहिए. स्नान के बाद साफ और सूती वस्त्र पहनें. कुश या चटाई के आसन पर बैठकर इस मंत्र का जाप करें और इसके लिए तुलसी या चन्दन की माला का प्रयोग करें.

गायत्री मंत्र में कितने मंत्र हैं?

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गायत्री मंत्र में चौबीस (24) अक्षर हैं। ऋषियों ने इन अक्षरों में बीजरूप में विद्यमान उन शक्तियों को पहचाना जिन्हें चौबीस अवतार, चौबीस ऋषि, चौबीस शक्तियां तथा चौबीस सिद्धियां कहा जाता है।


गायत्री मंत्र कब नहीं करना चाहिए?

मंगलकारी गायत्री मंत्र का जाप तेज आवाज में नहीं करना चाहिए, सूर्योदय के समय जाप करना होता है शुभ

गायत्री मंत्र सबसे शक्तिशाली मंत्र क्यों है?

गायत्री मंत्र किसी की आंतरिक रोशनी को जगाने और उसकी चेतना का विस्तार करने के लिए जाना जाता है। यह स्पष्टता, पवित्रता और ज्ञान देता है और हमें अपने उच्च स्व के करीब जाने में मदद करता है।


गायत्री मंत्र का बीज मंत्र क्या है?

गायत्री मंत्र: ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।

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